Manish Asmarth Quotes

Instagram


आंतरिक हीनता से गूंजती मन की टंकारे 

• "मेरा तो ये केवल बदसूरत झलक है, उसने तो मुझे मेरा किरदार निभाने के लिए भेजा है यहां, मेरी अदाकारी जितनी पाकीज़ा होगी, बख्शीश उतना ही ख़ालिस होगा।"~ मनीष "असमर्थ"



• "आग ने लकड़ी से कहा," - "चलो हम भी दुनिया वालों की तरह एक दुसरे से जलते हैं, जब राख हो जाएंगे तब तुम मुझे ढूंढना और मैं तुम्हे...!!!" ~ मनीष "असमर्थ"



• "मेरी असमर्थता ही मुझे ताक़त देती है, मेरी नकारात्मकता, सकारात्मकता को आकर्षित करती है।" ~ मनीष "असमर्थ"



• " 'मैं' पानी का अपभ्रंश हूं!" ~ मनीष "असमर्थ" 


• "अनसिखा धनुर्धारी बनके आया हूं । तरकश में रखे हर बाण, उम्र के एक दिन है। लक्ष्य को बिना छुए ही कमान से छूटते जा रहे हैं". ......………."असमर्थ"



• "माहुल बेला सा लचकदार बने रहोगे तो फैले हुए हर एक बोझ को भी बांध सकते हो! फिर लोग तुम्हारे मजबूत बंधन की कसमें खाया करेंगे।"......"असमर्थ"



• "मैं" और "तुम" शिकन मिटाने का काम करते हैं! मैं भी तपता हुआ इस्त्री हूं,तुम भी तो तपती स्त्री ही हो न! फिर फ़र्क किस बात का....??? चाहो तो छूकर देखलो, तुम चीखोगे नहीं!......उच्च ताप वाले एक दूसरे पे पिघल जाया करते हैं!...~"असमर्थ"



• "मैं सड़क हूं मैंने बहुत सारे लोगों को सफ़र से जुड़ते हुए देखा है और बहुत सारे लोगों को जिदंगी का सफ़र छोड़ते भी देखा है। मैं उबड़खाबड़ सा हूं, लेकिन ईमानदार हूं! मेरा वादा है मैं तुम्हारे मंजिल तक हमसफ़र बना रहूंगा ...!!!" ~ "असमर्थ"



•  "मैं कांटा हूं। हवा के झोंको में इतना न लहराओ सुमन! मुझे डर लगता है कि तुम्हारे पंखुडियों में चुभ न जाऊं......।" ~ "असमर्थ"



•  "मैं और तुम दोनों बह रहे हैं इस सैलाब में!अभी मुझे किनारे पे किसी तिनके ने रोक रखा है ! लेकिन तुम मझधार में हो ,तुम्हे तो आगे जाना है न! हालांकि तुम्हें भी किसी किनारे पर कोई तिनका रोक ही लेगा !" ~ "असमर्थ"



• "मेरी अदाकारी थोड़ा सा कठिन है क्योंकि मैं मुरूम का बना हुआ खुरदुरा घड़ा हुं, तपने के बाद मुझमें हज़ारो बदसूरत दरार पड़ चुके हैं....।" ~ मनीष "असमर्थ"
 


 

• "इस रेगिस्तान में लंबे समय से पानी की तलाश कर रहा हूं, सामने कभी पानी का फैलाव दिख तो जाता है लेकिन पास जानें पर मुझसे दूर ही भागता जाता है......।" ~ मनीष "असमर्थ"



• "कलाकार के द्वारा बनाया गया बिगड़े नक्श वाला कलाकृति हूं, मुझे भट्टी में तपाया नहीं जाएगा अवशिष्ट ही बचा रहूंगा, और बारिश के कुछ ही बूंदों से मिट्टी में मिल जाऊंगा....।" ~ मनीष "असमर्थ"



• "एक सुबह की जरूरत हर किसी को है! और एक शाम का साथ हर कोई चाहता है....!" ~ मनीष "असमर्थ"


• "आप नसेड़ी नहीं हो तो जी नहीं पाओगे इस दुनियां में...!" ~ "असमर्थ"

Comments

Popular posts from this blog

मनीष असमर्थ Quotes