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मनीष असमर्थ Quotes

Instagram     Facebook page           Publication     poems आंतरिक हीनता से गूंजती मन की टंकारे   • मेरी नकारात्मकता और मेरी शून्यता, ही मेरी असमर्थता है! जीवन का यह गणित शून्य और नकारात्मक अंक के बिना अधूरा है।  ~  मनीष कुमार  'असमर्थ'  • मैं पर्वत-सा तुम गिरते जलस्तर-सी दूर निकलते ही जा रहे हो! मैं जानता हूं एक दिन मानसून बन आओगे और अपरिचितों की तरह टकराते हुए बरस पड़ोगे मुझपे...! ~  मनीष कुमार  'असमर्थ'  •कुछ लोग पत्तियों में चिपके जलबिंदुओं की तरह होते हैं हवा का एक झोंका आता है और सब कुछ तितर बितर कर देता है। ~ मनीष कुमार  'असमर्थ'  •आंसु रोने वाले से कहता है , - "तुम्हारे गाल को छूते हुए तुम्हारे नजरों से  गिर जाने का इंतज़ार मैंने वर्षों से किया है।" ~ मनीष कुमार  'असमर्थ'  । • मेरी ईमानदारी पे तुम्हें विश्वास न हो तो, मेरी टुकड़े टुकड़े कर डालो, देखना मेरे खून के धब्बे तुम्हारे लिबास में जिन्दगी भर चिपके मिलेंगे। ~ मनीष कुमार "असमर्थ" • तुम्हारी जुल्फों पे...

Manish Asmarth Quotes

Instagram Facebook page कविताएं   प्रकाशन   आंतरिक हीनता से गूंजती मन की टंकारे  • "मेरा तो ये केवल बदसूरत झलक है, उसने तो मुझे मेरा किरदार निभाने के लिए भेजा है यहां, मेरी अदाकारी जितनी पाकीज़ा होगी, बख्शीश उतना ही ख़ालिस होगा।"~ मनीष "असमर्थ" • "आग ने लकड़ी से कहा," - "चलो हम भी दुनिया वालों की तरह एक दुसरे से जलते हैं, जब राख हो जाएंगे तब तुम मुझे ढूंढना और मैं तुम्हे...!!!" ~ मनीष "असमर्थ" • "मेरी असमर्थता ही मुझे ताक़त देती है, मेरी नकारात्मकता, सकारात्मकता को आकर्षित करती है।" ~ मनीष "असमर्थ" • " 'मैं' पानी का अपभ्रंश हूं!" ~ मनीष "असमर्थ"  • "अनसिखा धनुर्धारी बनके आया हूं । तरकश में रखे हर बाण, उम्र के एक दिन है। लक्ष्य को बिना छुए ही कमान से छूटते जा रहे हैं". ......………. "असमर्थ" • "माहुल बेला सा लचकदार बने रहोगे तो फैले हुए हर एक बोझ को भी बांध सकते हो! फिर लोग तुम्हारे मजबूत बंधन की कसमें खाया करेंगे।"...... "असमर्थ" • "मैं" और ...